PM विश्वकर्मा योजना 2025
भारत सरकार ने 17 सितंबर 2023 को प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना शुरू की, जो एक महत्वपूर्ण योजना है। परंपरागत कलाकारों और शिल्पकारों को सशक्त बनाने और उनकी क्षमता को बढ़ावा देने के लिए यह कार्यक्रम बनाया गया है।
इसका लक्ष्य इन पेशों से जुड़े लोगों को आर्थिक सहायता और प्रशिक्षण प्रदान करना है, ताकि वे स्वतंत्र हो सकें और अपनी आय में सुधार कर सकें।
योजना की प्रमुख विशेषताएँ
1. लक्ष्य समूह: बढ़ई, लोहार, कुम्हार, दर्जी, सुनार, जूता बनाने वाले कारीगर, हाथ से काम करने वाले बुनकर, माली आदि इस योजना में शामिल हैं।
2. वित्तीय सहायता: ₹1 लाख का ब्याज मुक्त या रियायती दरों पर ऋण कारीगरों को व्यवसाय शुरू करने या उसे विकसित करने के लिए दिया जाएगा।- दूसरी कड़ी पूरी होने पर ₹2 लाख का ऋण दिया जाएगा।
3. शिक्षण और कौशल विकास:
– कारीगरों को कौशल विकास के लिए मुफ्त प्रशिक्षण मिलेगा।
– प्रशिक्षण के दौरान नियमित रूप से वजीफा भी मिलेगा।
4. फ्री टूलकिट प्रशिक्षण पूरा करने पर कारीगरों को उनकी आवश्यकताओं के अनुसार मुफ्त टूलकिट मिलेगा।
5. डिजिटल कनेक्टिविटी
कारीगरों को डिजिटल प्लेटफॉर्म से जुड़ने में मदद मिलेगी।
– उनके उत्पादों को ई-कॉमर्स और ऑनलाइन मार्केटप्लेस पर बेचने के लिए मार्गदर्शन मिलेगा।
6. प्रमाणीकरण लाभार्थियों को प्रधानमंत्री विश्वकर्मा प्रमाण पत्र और पहचान पत्र मिलेगा।
योजना के लाभ
आत्मनिर्भरता पारंपरिक कारीगरों को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम।
नौकरी के अवसर: ग्रामीण क्षेत्रों में आर्थिक विकास और रोजगार सृजन।
संरक्षण भारत की सांस्कृतिक कला और कला का प्रोत्साहन और बचाव।
आवेदन करने का तरीका:
लाभार्थी प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना के लिए कॉमन सर्विस सेंटर (CSC) या ऑनलाइन पोर्टल के माध्यम से आवेदन कर सकते हैं।
– आवेदन करने के लिए आधार कार्ड, बैंक खाता विवरण और व्यवसाय से जुड़ी जानकारी चाहिए।
प्रावधान
भारत सरकार ने इस योजना के लिए लगभग 13,000 करोड़ रुपये खर्च किए हैं।