P.M Kisan Yojana : अब प्रधानमंत्री किसान सम्मान के तहत किसानों को मिलेगा 8000 रुपए, यहाँ से जाने सारी जानकारी।
P.M Kisan Yojana
मोदी सरकार प्रधानमंत्री किसान योजना (P.M Kisan Yojana) के तहत मिलने वाली किश्त की राशि को बढ़ा सकती है। अभी सरकार प्रधानमंत्री किसान योजना के तहत 6,000 रुपये सालाना देती है, जिसे बढ़ाकर 8,000 रुपये किये जाने की योजना है।
P.M Kisan Yojana Update
सरकार प्रधानमंत्री किसान योजना (P.M Kisan Yojana) के तहत मिलने वाली किश्त को बढ़ा सकती है। अभी सरकार प्रधानमंत्री किसान योजना के तहत 6,000 रुपये सालाना देती है, जिसे बढ़ाकर 8,000 रुपये किया जा सकता है। मोदी सरकार (Modi Government) छोटे किसानों को दी जा रही नकद सहायता (Cash Transfer) को एक तिहाई तक बढ़ाने की योजना पर विचार कर रही है। केंद्र की प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार चुनाव से पहले एक बड़े वोटिंग ब्लॉक से समर्थन हासिल करने के लिए ऐसा कर सकती है।
P.M Kisan Yojana Update – Overview
Post About | PM kisan Yojana |
Launched By | SHIKSHA SEVA |
Article About | प्रधानमंत्री किसान सम्मान योजना |
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क्या बढ़ जाएगा प्रधानमंत्री किसान योजना की किस्त?
इस बारे में जानकारी रखने वाले दो अधिकारियों के अनुसार सरकार छोटे किसानों के लिए सालाना कैश ट्रांसफर को 6,000 रुपये से बढ़ाकर 8,000 रुपये करने के विकल्पों पर विचार कर रही है। अधिकारियों ने नाम न बताने की शर्त पर कहा कि ये मामला अभी भी विचाराधीन है।
सरकार पर बढ़ जाएगा बोझ?
अगर इस फैसले पर मंजूरी मिल जाती है, तो लोगों के अनुसार इस योजना पर सरकार पर अतिरिक्त 200 अरब रुपये का खर्च बढ़ा जाएगा। पहले ही चालू वित्तीय वर्ष में मार्च 2024 तक कार्यक्रम के लिए बजट में 600 अरब रुपये से अलग होगा। वित्त मंत्रालय के प्रवक्ता नानू भसीन ने इस मामले पर टिप्पणी करने से इनकार कर दिया। दिसंबर 2018 में सब्सिडी कार्यक्रम शुरू होने के बाद से मोदी सरकार ने 110 मिलियन लाभार्थियों को कुल 2.42 ट्रिलियन रुपये दिए हैं।
चुनावों से पहले हो सकता है ऐलान?
भारत के 1.4 अरब लोगों में से लगभग 65% ग्रामीण इलाकों में रहते हैं। मोदी सरकार के लिए किसान एक महत्वपूर्ण मतदान केंद्र हैं, जो आगामी चुनावों में तीसरी पर सत्ता में आने को लेकर काफी कोशिशें कर रही है। वह एक लोकप्रिय नेता बने हुए हैं। 55% मतदाता उन्हें फेवरेबल मानते हैं। हालांकि, चुनाव के दौरान बढ़ती असमानता और बेरोजगारी के मुद्दे चुनौती बन सकते हैं। सरकार महंगाई को नियंत्रित करन के लिए एक तरफ सरकार चावल निर्यात पर प्रतिबंध लगाकर ग्रामीण आय पर अंकुश लगा रह है। वहीं, दूसरी तरफ प्रधानमंत्री किसान का पैसा बढ़ाकर किसानों की आय बढ़ाने की कोशिश कर रही है। भारत में भी पिछले पांच सालों में सबसे कमजोर मॉनसून दर्ज की गई है, ये इस साल प्रमुख फसलों की पैदावार पर आशंका बनी हुई है।
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