NRC Kya Hai : NRC क्या है , क्यों हो रहा है इस पर बवाल , जानिए सम्पूर्ण जानकारी
NRC Kya Hai
वर्तमान समय का सबसे ज्यादा अधिक चर्चित मुद्दा है राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर(NRC). जिसे देश में विरोधी गतिविधियां उत्पन्न करने वाले आंदोलन का नाम भी दिया जा रहा है। सबसे पहले यह कानून 1951 में लागू किया गया था जिसमें सरकार द्वारा भारत में रहने वाले नागरिकों के बारे में, उनके घरों के बारे में, और उनकी संपत्ति आदि के बारे में जानने के लिए इस कानून को तैयार किया गया था। क्योंकि इस कानून को अपडेट करने की मांग All Asam स्टूडेंट्स Union द्वारा सन् 1975 में पहली बार उठाई गई थी। फिलहाल वर्तमान में इसे फिर से अपडेट किया गया है जिसको लेकर पूरे भारत देश में बवाल छिड़ा हुआ है। तो आखिर है क्या यह कानून और क्यों लागू किया जा रहा है आइए जानते हैं इसके बारे में विस्तार से
NRC Overview
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NRC क्या है ?
मुख्य रूप से NRC को Asam राज्य के लिए लागू किया गया है. जहां पर बांग्लादेशी, स्वतंत्रता से सिर्फ 1 दिन पहले ही 24 मार्च 1971 के आधी रात के समय राज्य में बांग्लादेशी शरणार्थियों ने प्रवेश कर लिया था, उनके नाम मतदाता सूची से हटाने और उन्हें वापस बांग्लादेश भेजने के लिए यह कानून लागू किया गया था। NRC को अपडेट करने वाला यह पहला राज्य है जिसने साल 2013 में सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर NRC को अपडेट करने की प्रक्रिया आरंभ कर दी थी। आज के समय में Asam की जनसंख्या कम से कम 33 मिलियन है।
NRC के मुख्य उद्देश्य क्या है ?
- NRC लागू करने का मुख्य उद्देश्य यह है कि वे लोग इस कानून द्वारा Asam में मौजूद विदेशी और भारतीय नागरिकों की पहचान करके उन्हें अलग अलग करना चाहती है जो भी विदेशी बाहर से आकर Asam में बस गया है और भारत की नागरिकता प्राप्त करने के हर प्रयास कर रहा है उसे Asam से बाहर निकाल कर वापस उसके देश में पहुंचाया जाएगा।
- All Asam Students Union और Asam के बहुत से नागरिकों और संगठनों का यह कहना है कि बांग्लादेशी जो उनके Asam में गैरकानूनी रूप से रह रहे हैं उन्होंने वहां के रहने वाले नागरिकों के बहुत सारे अधिकारों को उनसे छीन लिया है।
- इस कानून का मुख्य उद्देश्य यह भी है कि Asam में बढ़ते हुए अपराधों को रोकने के लिए जल्द से जल्द विदेशियों और शरणार्थियों को Asam राज्य से निकालना बेहद आवश्यक हो गया है। Asam में रहने वाले नागरिकों का कहना है कि उन बांग्लादेशियों की वजह से धीरे-धीरे Asam में अपराध बढ़ते जा रहे हैं।
NRC का संपूर्ण जानकारी
क्या आप जानते हैं NRC की इस प्रक्रिया को अंजाम देने के लिए सरकार ने कितनी कड़ी मेहनत की है और साथ ही पानी की तरह पैसा भी बहाया है तो आइए जानते हैं निम्नलिखित डाटा के जरिए।
- सरकार के अनुसार NRC कि इस प्रक्रिया पर सरकार द्वारा लगभग 12 सौ करोड़ रुपए का खर्च किया जा चुका है।
- इस प्रक्रिया में बहुत सारे अधिकारी शामिल हैं उन सरकारी अधिकारियों की संख्या लगभग 55000 से भी अधिक है जिन्होंने दिन-रात मिलकर कड़ी मेहनत से इस NRC की प्रक्रिया को पूरा करने के लिए खुद को समर्पित कर दिया है।
- इस पूरी प्रक्रिया में लगभग4 मिलियन दस्तावेजों की जांच की गई है जिसके बाद इस निर्णय पर आया गया है कि कौन इस देश में रहने लायक है और कौन इस देश का मात्र शरणार्थी है उसे देश से बाहर कर देना चाहिए।
सूची A में शामिल डॉक्युमेंट्स
- सूची ए के अनुसार Asam के नागरिकों के पास 25 मार्च 1971 तक का इलेक्ट्रोल रोल मौजूद होना चाहिए।
- उनके पास 1951 का NRC डॉक्युमेंट्स भी उपलब्ध होना चाहिए।
- यदि वे Asam के नागरिक हैं और किराए पर रहते हैं तो उसकी किराय का रिकॉर्ड और वहां पर रहने का कोई भी प्रमाण पत्र उन्हें जमा कराना होगा।
- Asam के पुराने नागरिकों को खुद को नागरिक प्रमाणित करने के लिए नागरिकता प्रमाण पत्र दिखाना अति आवश्यक है।
- जिस पते पर वह रहता है या फिर पहले रहता था उसका स्थाई निवासी प्रमाण पत्र भी उसके पास होना बेहद जरूरी है।
- कोई ऐसा प्रमाण पत्र जिससे साबित होता है कि वह भारत का मूल निवासी है जैसे कि पासपोर्ट की कॉपी भी उसके पास होनी अति आवश्यक है।
- इसके अलावा वे अपने बैंक या एलआईजी दस्तावेजों को इकट्ठा करके भी सरकार के समक्ष प्रस्तुत कर सकते हैं ताकि वे Asam के नागरिक प्रमाणित हो जाए।
- शैक्षिक प्रमाण पत्र और अदालत के आदेश रिकॉर्ड भी Asam के नागरिकों के पास मौजूद होने चाहिए तभी वे Asam के नागरिक प्रमाणित हो पाएंगे।
- वहां पर मौजूद नागरिकों के पास शरणार्थी पंजीकरण प्रमाण पत्र भी उपलब्ध होना चाहिए जिससे यह साबित हो सके कि वे भारत से संबंध रखते हैं या नहीं।
सूची B में शामिल मुख्य डॉक्युमेंट्स
- इस सूची में सबसे पहले भूमि दस्तावेजों को शामिल किया गया है जो Asam में रहने वाले नागरिक के पास अवश्य होने चाहिए।
- उसके बाद बोर्ड स्कूल से पास की गई शिक्षा का प्रमाण पत्र या विश्वविद्यालय का प्रमाण पत्र उस व्यक्ति के पास मौजूद होना चाहिए।
- NRC की जांच के लिए उसका जन्म प्रमाण पत्र उसके पास होना अति आवश्यक है।
- किसी भी प्रकार का कानूनी डॉक्युमेंट्स जैसे बैंक, एलआईजी, पोस्ट ऑफिस रिकॉर्ड आदि उस नागरिक के पास उपलब्ध होना बेहद आवश्यक है।
- यदि व्यक्ति वहां का मूल निवासी है तो उसके पास राशन कार्ड अवश्य होगा और साथ ही मतदाता सूची में उसका नाम मौजूद होना आवश्यक है।
- इसके अतिरिक्त वह कोई भी ऐसा डॉक्युमेंट्स प्रस्तुत कर सकता है जो कानूनी रूप से स्वीकार्य है।
- जो महिलाएं विवाहित हैं उनके पास एक सर्कल अधिकारी या ग्राम पंचायत सचिव द्वारा प्रमाण पत्र जो उन्हें प्रदान किया जाता है वह उन महिलाओं के पास मौजूद होना चाहिए।
NRC को कैसे अपडेट किया गया है ?
- Asam का कोई भी नागरिक जो अपना नाम NRC की लिस्ट में चयनित पाना चाहता है तो उसे 25 मार्च 1971 से पहले राज्य में अपना निवास और अपनी नागरिकता को साबित करना होगा। इसके लिए उन्हें लिस्ट ए में दिए गए किसी भी डॉक्युमेंट्स को NRC फॉर्म भर के उसके साथ जमा कराना होगा ताकि सरकार उसकी पुष्टि करके उसे Asam का एवं नागरिक मानकर NRC की लिस्ट में शामिल कर सके।
- दूसरी तरफ यदि कोई व्यक्ति ऐसा दावा करता है कि उसके पूर्वज कई सालों से Asam में रह रहे हैं तो उसके लिए भी उसे सबूतों को इकट्ठा करना पड़ेगा और लिस्ट भी में शामिल किसी भी डॉक्युमेंट्स के साथ NRC फॉर्म भरकर सरकार के पास जमा कराना होगा।
NRC की वर्तमान लिस्ट जानिए
Asam में लगातार NRC प्रक्रिया पर कार्यवाही की जा रही है जिसके अनुसार 31 अगस्त 2019 को एक सूची जारी की गई थी और इस सूची में 19,6,657 लोगों को शामिल ही नहीं किया गया है जबकि इसके अतिरिक्त 3.11 करोड़ लोग जो Asam के रहने वाले हैं उन्हें इस नागरिकता सूची में शामिल किया गया है और उन नागरिकों ने NRC के अंतर्गत अपना आवेदन भी भर दिया है। सरकार के आंकड़ों के अनुसार 3.29 करोड़ लोग ऐसे हैं जिन्होंने NRC की सूची के अंतर्गत Asam की नागरिकता प्राप्त करने के लिए खुद का आवेदन भर दिया है।
जिन नागरिकों को इस सूची में शामिल नहीं किया गया है उन्हें विदेशी घोषित किया जा चुका है यदि वे किसी अदालत द्वारा विदेशी घोषित कर किए जा चुके हैं, तो सरकार द्वारा पूरी तरह से उनकी गिरफ्तारी के लिए आदेश दिए जा चुके हैं, और उन्हें नजर बंदी केंद्र में रखा जाने का आदेश भी दिया गया है।
सूची से बहिष्करण का मतलब विदेशी घोषित होता है ?
ऐसा नहीं है कि सूची से बहिष्करण का मतलब वह व्यक्ति विदेशी घोषित हो गया है। जिनको कोई सूची से बाहर कर दिया गया है वह लोग विदेशी ट्रिब्यूनलो पर आवेदन भर सकते हैं जो अर्ध- नागरिक निकाय के अंतर्गत आवेदन भर सकते हैं जिसे 1964 में लागू किया गया था।
यदि ट्रिब्यूनल द्वारा भी उसे विदेशी घोषित कर दिया गया है तो वह उच्च न्यायालयों की ओर रुख कर सकता है और वहां पर अपने केस को दर्ज कराकर कानून के अनुसार अपनी लड़ाई लड़ सकता है। यदि वह व्यक्ति वहां पर भी खुद को नागरिक घोषित नहीं कर पाता है और सरकार और कानून दोनों के द्वारा ही विदेशी घोषित कर दिया जाता है तो उस व्यक्ति को गिरफ्तार करके नजरबंद किया जा सकता है।
जुलाई 2019 तक इसी प्रक्रिया के द्वारा 1,17,164 व्यक्ति ऐसे हैं जिन्हें विदेशी घोषित कर दिया गया है। इस पूरी प्रक्रिया के दौरान केस लड़ने वाले व्यक्ति जिन्हें विदेशी घोषित किया गया है उनमें से 1,145 व्यक्तियों की गिरफ्तारी भी हो चुकी है। सूत्रों का कहना है कि सरकार इसे 2022 तक पुरे देश में लागु करना चाहती है, ताकि देश वासियों की पहचान हो सके.
अंत में हम इतना ही बताना चाहेंगे कि यह कानून किसी भी भारतीय नागरिक को नुकसान पहुंचाने के लिए नहीं बनाया गया है और ना ही लागू किया गया है। अन्यथा यह कानून उन व्यक्तियों के लिए बनाया गया है जो गैरकानूनी रूप से भारत में घुस आए हैं और बिना नागरिकता के भारत में रह रहे हैं। भारत सरकार का मुख्य उद्देश्य इस कानून को लागू करने का बस यही है कि किसी भी भारतीय नागरिक के अधिकारों का हनन किए बिना विदेशियों को देश से निकाला दे दिया जाए। इस कानून के खिलाफ किसी भी व्यक्ति को विरोध प्रदर्शन करने और हिंसा करने का कोई अधिकार प्राप्त नहीं है।
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