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Purnia court Update: Purnia कोर्ट के आदेश का मुंह चिढ़ाते जमीन कब्जाधारी 2005 में ही कोर्ट के आदेश पर हुआ था 75:25 का सीमांकन ।

Purnia court Update: Purnia कोर्ट के आदेश का मुंह चिढ़ाते जमीन कब्जाधारी 2005 में ही कोर्ट के आदेश पर हुआ था 75:25 का सीमांकन ।

Purnia court Update:

कोर्ट के आदेश का मुंह चिढ़ाते जमीन कब्जाधारी 2005 में ही कोर्ट के आदेश पर हुआ था 75:25 का सीमांकन । इसके बाबजूद बेबस पूर्णिया प्रशासन 16 इन्टरवेनर के घरों पर लगा झंडा हुक्म के इंतजार में बुलडोजर 6 घण्टे तक डटे रहे 19 वरीय पदाधिकारी और 400 पुलिसकर्मी इसे कोर्ट के आदेश की अवमानना समझें या पूर्णिया प्रशासन की बेबसी पढ़ें क्या है पूरा मामला और कोर्ट का आदेश। 

Purnia court Overview

Name of the Article  Purnia court Update
Type of the Article Purnia कोर्ट के आदेश का मुंह चिढ़ाते जमीन कब्जाधारी
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Detailed Information  Please Read The Article Completely

कई बार कोर्ट से मिले आदेश पर 22 एकड़ 73 डिसिमिल जमीन:

12 फरवरी(राजेश कुमार झा)कई बार कोर्ट से मिले आदेश पर 22 एकड़ 73 डिसिमिल जमीन को खाली कराने पहुंची पूर्णिया प्रशासन को खाली हाथ लौटना पड़ा.इसे कोर्ट के आदेश की अवमानना समझें या पूर्णिया प्रशासन की बेबसी. बताते चलें कि शहर के बीचोबीच वार्ड नम्बर 42 अब्दुल्ला नगर में महादेव यादव की 30 एकड़ का बड़ा सा भूखंड था.1960 में आरएस सर्वे के समय खतियान में सच्चिदानंद दास का चढ़ जाता है. जिससे रातोंरात सच्चिदानंद दास 30 एकड़ जमीन का मालिक बन जाता है और जमीन की बिक्री शुरू कर देता है.

जब तक इसकी जानकारी जमीन मालिक महादेव यादव को मिलती तब तक सच्चिदानंद दास ने तकरीबन 7 एकड़ जमीन को बेच दिया था. इसके खिलाफ असली जमीन मालिक महादेव यादव 1983 में कोर्ट गए और एक लंबी लड़ाई के बाद 1998 में कोर्ट ने अपना फैसला सुनाया.जिसके एवज में असली जमीन मालिक महादेव और सच्चिदानंद दास के बीच 164 के तहत कोर्ट ने समझौता हुआ कि 75 प्रतिशत जमीन महादेव यादव को और 25 प्रतिशत सच्चिदानंद दास के पास रहेगा.

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समझौते को नहीं मानते हुए कुछ और जमीन को बेचते रहा :

लेकिन सच्चिदानंद दास ने इस समझौते को नहीं मानते हुए कुछ और जमीन को बेचते रहा और इस समझौते के खिलाफ हाईकोर्ट चले गए.हाईकोर्ट ने भी निचली अदालत के फैसले का सम्मान करते हुए महादेव यादव के पक्ष में फैसले को सुरक्षित रखते हए आदेश दिया कि सर्वे कमिश्नर को बहाल कर 75:25 का सीमांकन कर दिया जाय.इसी आदेश पर 2005 में सर्वे कमिश्नर जयपुरिया ने दोनों पक्षों और गवाहों के सामने 75:25 का सीमांकन तय कर दिया.

इसके बाबजूद भी द्वितीय पक्ष सच्चिदानंद दास ने हाईकोर्ट के फैसले को चुनौती देते हुए सुप्रीम कोर्ट पहुंचे.जहाँ सुप्रीम कोर्ट ने द्वितीय पक्ष के केस को खारिज करते हुए हाईकोर्ट के फैसले का सम्मान करते हुए आदेश को सही ठहराया.इसके बाद असली जमीन मालिक अनिरुद्ध यादव पिता महादेव यादव ने हाईकोर्ट से अपनी 75 प्रतिशत जमीन को खाली करवाने की अपील की. कोर्ट ने अपील की सुनवाई करते हुए पूर्णिया प्रशासन को 2005 में हुए 75:25 के सीमांकन के आधार पर अनिरुद्ध यादव को 75 प्रतिशत जमीन खाली करवाने का आदेश दिया.

पूर्णिया प्रशासन कब्जाधारियों से जमीन नहीं खाली करवा पा रही है:

लेकिन कोर्ट के बार-बार तारीख पे तारीख देने के बावजूद पूर्णिया प्रशासन कब्जाधारियों से जमीन नहीं खाली करवा पा रही है.इसे कोर्ट की अवमानना समझा जाए या पूर्णिया प्रशासन की बेबसी. दूसरी तरफ जमीन कब्जाधारी भी कोर्ट से स्टे ऑर्डर लाने की अपील किये.लेकिन कब्जाधारियों को कोर्ट से किसी भी तरह की राहत नहीं मिल सकी.

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