FPI Bond Market Update: भारतीय बॉन्ड बाजार में जमकर पैसा लगा रहे FPI फरवरी में अब तक 15,000 करोड़ रुपये का किया निवेश।
FPI Bond Market Update:
विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (FPI) ने इस महीने अब तक देश के बॉन्ड बाजार में शुद्ध रूप से 15093 करोड़ रुपये का निवेश किया है।इससे पहले एफपीआइ ने जनवरी में बॉन्ड बाजार में 19836 करोड़ रुपये डाले थे जो छह साल से अधिक समय का सबसे ऊंचा मासिक आंकड़ा है। इस तरह 2024 में एफपीआइ का कुल निवेश 34930 करोड़ रुपये से अधिक हो गया है।
विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (FPI) ने इस महीने अब तक देश के बॉन्ड बाजार में शुद्ध रूप से 15,093 करोड़ रुपये का निवेश किया है।
जेपी मार्गन इंडेक्स में भारत सरकार के बॉन्ड को शामिल करने और व्यापक रूप से अर्थव्यवस्था के स्थिर परिदृश्य के चलते निवेश में वृद्धि दिखाई दे रही है।
इससे पहले 19,836 करोड़ रुपये का रहा निवेश
इससे पहले एफपीआइ ने जनवरी में बॉन्ड बाजार में 19,836 करोड़ रुपये डाले थे, जो छह साल से अधिक समय का सबसे ऊंचा मासिक आंकड़ा है। इस तरह 2024 में एफपीआइ का कुल निवेश 34,930 करोड़ रुपये से अधिक हो गया है।
इससे पहले जून, 2017 में एफपीआइ ने बॉन्ड बाजार में 25,685 करोड़ रुपये का निवेश किया था। डिपाजिटरी के आंकड़ों के अनुसार, समीक्षाधीन अवधि में एफपीआइ ने शेयरों से 3,000 करोड़ रुपये से अधिक निकाले हैं।
इससे पहले जनवरी में उन्होंने शेयरों से 25,743 करोड़ रुपये की भारी निकासी की थी।
जियोजीत फाइनेंशियल सर्विसेज के मुख्य निवेश रणनीतिकार वीके विजयकुमार ने कहा, ‘शेयर और बांड में इस भिन्न प्रवृत्ति का मुख्य कारण भारतीय शेयर बाजार का ऊंचा मूल्यांकन और अमेरिका में बांड पर बढ़ता प्रतिफल है।
दिसंबर, 2023 में उन्होंने बांड बाजार में 18,302 करोड़ रुपये, नवंबर में 14,860 करोड़ रुपये और अक्टूबर में 6,381 करोड़ रुपये का निवेश किया था।
लार्ज-कैप म्यूचुअल फंड को जनवरी में मिला 1,287 करोड़ का निवेश
निवेशकों ने जनवरी में लार्ज-कैप म्यूचुअल फंड (बड़े शेयरों में निवेश वाले कोष) में 1,287 करोड़ रुपये का निवेश किया है।
यह 19 माह में निवेश का उच्चस्तर है। छोटी और मझोली कंपनियों के कोषों में तेजी ने उनके मुनाफावसूली के लिए प्रेरित किया है और लार्ज-कैप में उनका निवेश बढ़ा है।
इससे पहले दिसंबर, 2023 में उन्होंने लार्ज-कैप फंड से 281 करोड़ रुपये की शुद्ध निकासी की थी। निवेश का मौजूदा स्तर पिछले साल जनवरी के 716 करोड़ रुपये के आंकड़े से 80 प्रतिशत अधिक है।
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