चुनाव आयोग ने लोकसभा चुनाव से ठीक पहले आम आदमी पार्टी को बड़ा झटका दिया है। दरअसल, आयोग ने पार्टी के कैंपेन गीत पर रोक लगा दी है। बता दें, हाल ही में पार्टी ने अपना कैंपेन गीत लॉन्च किया था। दो मिनट के इस कैंपेन सॉन्ग में अरविंद केजरीवाल और मनीष सिसोदिया भी दिखे थे। इस गीत को पार्टी विधायक दिलीप पांडेय ने लिखा था। वहीं आयोग के इस कदम को आप ने केंद्र की तानाशाही बताया है।

आप की वरिष्ठ नेता और मंत्री आतिशी ने कहा कि कैंपेन गीत में कहीं भी भाजपा का नहीं है। चुनाव आयोग को जेल का जवाब वोट से पर आपत्ति है जो कि सरासर गलत है। इसमें कुछ भी ऐसी आपत्तिजनक बातें नहीं है जिससे गीत पर रोक लगाई जानी चाहिए। इस गीत से कहीं भी चुनाव आचार संहिता का उल्लंघन नहीं हो रहा है। इसमें जो पिक्चर हैं वे सच हैं।

आतिशी ने कहा कि भारत का चुनाव आयोग एक प्रतिष्ठित संस्था है। जब इसके आयुक्त टीएन शेषन थे, तब उन्होंने इसकी मर्यादा को अधिक बढ़ाया था। उन्हें देश में निष्पक्ष चुनाव कराने का श्रेय दिया जाता है। उनके काम के जरिए उन्हें आज भी याद किया जाता है।

विपक्ष का प्रचार न रोके चुनाव आयोग

उन्होंने कहा कि मैं आज के आयुक्त से यह अपील करती हूं कि वह ऐसा काम न करे जिससे आगे आनेवाले समय में 2024 के चुनाव को इस रूप में याद करे कि 2024 के चुनाव में लोकतंत्र खत्म हो गया। 2024 के चुनाव में भारत का चुनाव आयोग निष्पक्ष नहीं रहा और 2024 में भारत का चुनाव पाकिस्तान का चुनाव बन गया। इसलिए चुनाव आयोग से अपील करती हूं कि विपक्ष का प्रचार रोकना बंद करे और BJP द्वारा जो आचार संहिता की धज्जियां उड़ाई जा रही हैं, उस पर भी एक्शन ले।

गीत में केबल प्रोग्राम कोड का उल्लंघन: चुनाव आयोग

दिल्ली के मुख्य निर्वाचन अधिकारी (सीईओ) कार्यालय का कहना है कि आम आदमी पार्टी के कैंपेन गीत ‘जेल का जवाब वोट से’ में केबल प्रोग्राम कोड का उल्लंघन किया गया है। कोई भी राजनीतिक दल अपने कैंपेन गीत या चुनाव प्रचार के वीडियो में न्यायपालिका पर सवाल खड़े नहीं कर सकते हैं। किसी को जेल में होना न्यायपालिका से संबंधित मामला होता है। 

न्यापालिका पर सवाल उठाए गए हैं: चुनाव आयोग

उन्होंने कहा कि ‘जेल का जवाब वोट से’ कैंपेन गीत पर न्यायपालिका पर सवाल उठाए गए हैं। इसलिए मीडिया प्रमाणन एवं निगरानी कमेटी (एमसीएमसी) ने कैंपेन सांग के कांटेंट में संशोधन कराने की सिफारिश कर उसे वापस लौटाया है। संशोधन के साथ आम आदमी पार्टी स्वीकृति के लिए दोबारा आवेदन दे सकती है। आम आदमी पार्टी को यह भी कहा गया है कि यदि वह एमसीएमसी के फैसले से सहमत नहीं है तो सीईओ की अध्यक्षता में बनी राज्यस्तरीय कमेटी में इसे चुनौती दे सकती है।

Some important link

Joining  my WhatsApp Click Here 
Joining my telegram Click Here 
SHIKSHASEWA Click Here

Uttarakhand Board Result 2024 Live Update: उत्तराखंड बोर्ड 10th, 12th रिजल्ट 30 अप्रैल को, वेबसाइट एवं एसएमएस से चेक कर सकेंगे परिणाम।